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वज़ह


अक्सर ज़िन्दगी मुझसे एक
वजह की ख्वाहिस करती थी
और आज ना जाने कहाँ से
वो सामने आ गयी!!!!

उसी पल मैंने खुदा से उसी कि शिकायत की ;
कि ऐ खुदा !!!तू तो ख्वाब चुराता है??
डिजाईन किसी और का,कॉपी राईट तू कराता है??
खुदा ने कहा,बन्दे !!!!
क्या लगा तुझे वो तुजसे मिलने आई है???
ये खूबसूरत बला तेरे सपनो कि परछाई है???
होश में आ$$$$,आखें खोल!!!
ज़िन्दगी के सवाल की गहराई में झाँक ज़रा
तुझे जवाब की इक किरण नज़र आएगी |
इस बला को कहाँ कहाँ खोजेगा तू??
तू बस उस वज़ह कि तलाश करता रह,
जिदगी को वज़ह खुदबखुद मिल जायेगी |

Comments

  1. satirical and irony of life !! amit ur sense of humour and ways of describing things and phenomenon of life is simply fabulous !!

    hey guys we have budding poet here !!!

    ReplyDelete

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