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वो हसीं तन्हाई



अतीत की लकीरों से उभरती हुई,
इक हसीं सी तस्वीर में सिमटी हुई ,
जब मिलती है वो मुझसे,
जैसे दूर कहीं समंदर में ,
नज़र आये एक धुंधली कसती ,
वक़्त के पैमानों में ,
जैसे पुराने शराब की मस्ती ,
दिल में एक मीठी सी आहट,
बेचैन लम्हों में एक अजीब सी राहत ,
उजाले में कहीं गम हो जाने का एहसास ,
अजनबी चेहरों में किसी खास की तलाश ,
जैसे करवाते बदलती लम्हों की वीरानियाँ !
वो शरारतों भरी बचपन की कहानियाँ ,
वो चटपटे दर्द के भारी भरकम पल,
गलतियों के बीच छटपटाते बीते कल,
खुद से दूर महसूस होती है वर्तमान की परछाई,
नहीं पहचाना ?? "मेरी हसीं तन्हाई" ..............

Comments

  1. tanhaayi hi to apni hoti hai, aur tumhare comparisons (metaphors) to bilkul to the point hain, cudnt imagine smthing better than this to describe feelings abt loneliness !

    tanhaayi hi hume ahsas dilati hai un sab baaton ka jo hum is bhaag daud bhari zindagi mein nazar andaaz kar jaate hain, un chhoti cheezon ka jo itni mahatvapoorn nai hoti phir bhi zindagi bhar ki kasak de jaati hain !! woh chhoti chhoti galatiyaan, kuchh khushi k lamhe, andhere mein gum ho jaane ka dar, pyaar ka woh ahsas....just lovely !!!

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