आखें खुली ज़मान देखा रोए ,मुस्कुराए समझा क्या? कुछ भी नही! तमन्ना की जतन किए पा लिया रहा क्या? कुछ भी नही! नैना मिले इश्क़ हुआ आँसू बहे मिला क्या ? कुछ भी नही! कोशिश की चूक गये नही मिला खोया क्या? कुछ भी नही! यादे है पछ्तावे हैं साँस रुकी बचा क्या? कुछ भी नही!